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उर्फी जावेद को किया गया गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला
नेशनल डेस्कः गिरफ्तारी के फर्जी वीडियो के जरिये मुंबई पुलिस की छवि खराब करने के आरोप में सोशल मीडिया ‘इंफ्लूयंएसर’ उर्फी जावेद के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। फैशन के चयन को लेकर अक्सर खबरों में रहने वाली उर्फी और उनके सहयोगियों ने एक “छापेमारी” का मंचन किया, जिसमें कुछ लोगों ने खुद को पुलिस अधिकारियों के रूप में पेश किया और छोटे कपड़े पहनने के लिए उर्फी के खिलाफ ‘कार्रवाई’ की। इसकी एक रील सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसे पुलिस ने अपमानजनक माना।
उर्फी की कथित गिरफ्तारी वाले वीडियो के वायरल होने के बाद मुंबई पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अश्लीलता के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक महिला को गिरफ्तार किए जाने का वायरल वीडियो सच नहीं है-प्रतीक चिह्न और वर्दी का दुरुपयोग किया गया है।” पोस्ट में कहा गया है, ‘‘सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कोई कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता।”
पुलिस ने कहा, ‘‘भ्रामक वीडियो में शामिल लोगों के खिलाफ ओशिवारा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171, 419, 500 और 34 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।” उसने कहा, “आगे की जांच जारी है। फर्जी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है और वाहन भी जब्त कर लिया गया है।” धारा 171 ‘धोखाधड़ी के इरादे से लोक सेवक द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पोशाक पहनने या टोकन ले जाने’ से संबंधित है, जबकि धारा 419 दूसरे का वेष धारण करके धोखाधड़ी करने से जुड़ी हुई है।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि उर्फी की ओर से प्रचार के लिए बनाई गई रील सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इससे यह गलत संदेश गया कि पुलिस विभाग छोटे कपड़े पहनने वालों के खिलाफ है। बयान के अनुसार, उर्फी, खुद को कांस्टेबल के रूप में पेश करने वाली दो अन्य महिलाएं और खुद को पुलिस अधिकारी कहने वाले एक पुरुष सहयोगी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ओशिवारा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत आरोपी गणपतभाई सवाजीभाई मकवाना को नोटिस दिया गया है, जिन्होंने वीडियो में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई थी।