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आयकर विभाग ने नई दिल्ली सहित 4 राज्यों में मारा छापा, 94 करोड़ की नकदी जब्त
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि आयकर विभाग ने कुछ सरकारी ठेकेदारों, रियल एस्टेट डेवलपर्स और उनके सहयोगियों के मामले में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और नई दिल्ली राज्यों में लगभग 55 परिसरों में तलाशी ली गई।सीबीडीटी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, लूज़ शीट, दस्तावेजों की हार्डकॉपी और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य पाए गए हैं और जब्त किए गए हैं। इनसे कर चोरी के तौर-तरीको का पता चलता है कि ये ठेकेदार फर्जी खरीद, उप-ठेकेदारों के साथ खर्चों का गैर-वास्तविक दावा और अयोग्य खर्चों का दावा करके खर्चों को बढ़ाकर अपनी आय को कम दिखाते थे।
अनुबंध प्राप्तियों के उपयोग में पाई गई अनियमितताओं के परिणामस्वरूप भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी का सृजन हुआ और अघोषित संपत्ति का निर्माण हुआ।तलाशी के दौरान माल रसीद नोट (जीआरएन) सत्यापन में विसंगतियों के रूप में खर्चों की मुद्रास्फीति का संकेत देने वाले साक्ष्यों का पता चला है। उप-ठेकेदारों के साथ फर्जी लेन-देन के संबंध में, खरीद बही और माल के वास्तविक भौतिक परिवहन से संबंधित दस्तावेजों में भारी विसंगतियों के साक्ष्य भी मिले हैं, जिनमें से कुछ को तलाशी के दौरान भी कवर किया गया। इसके अलावा, ये ठेकेदार गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बुकिंग व्यय में भी शामिल पाए गए। संपर्कों को विकसित करने के लिए व्यय के दावे के साक्ष्य भी प्राप्त किए गए और जब्त किए गए।
करदाताओं, उप-ठेकेदारों और कुछ नकदी संचालकों सहित सहयोगियों के परिसरों से तलाशी के दौरान बड़े पैमाने पर बेहिसाब नकदी लेन-देन भी पाए गए हैं, जो बही-खातों में दर्ज नहीं हैं।तलाशी के बाद लगभग 94 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 8 करोड़ रुपये से अधिक के सोने व हीरे के आभूषण जब्त किए गए जिनकी कीमत कुल मिलाकर 102 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, एक निजी वेतनभोगी कर्मचारी के परिसर से विदेशी निर्मित लगभग 30 लक्जरी घड़ियां मिलीं, जो घड़ियों के व्यवसाय में शामिल नहीं है।आगे की जांच जारी है।