Himachal Pradesh
बीएड डिग्री धारकों को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका
शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका के खारिज होने से प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी पदों के लिए चयनित होने का अवसर प्रदान हो जाएगा। इससे पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बीएड धारकों के पक्ष में फैसला सुनाया था जिसे पुनर्विचार याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।
जेबीटी बेरोजगार संघ द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात हाईकोर्ट ने खुद के फैसले पर अमल करने पर रोक लगाने के आदेश पारित किए थे। 26 नवम्बर, 2021 को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियम एलीमैंट्री शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं।
कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को ये आदेश भी दिए थे कि वह 28 जून, 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। इन आदेशों के खिलाफ जेबीटी बेरोजगार संघ ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। संघ का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान राज्य से जुड़े ऐसे ही एक मामले में एनसीईआरटी की उस अधिसूचना को रद्द कर दिया जिसके तहत बीएड धारकों को जेबीटी के लिए पात्र बनाया गया है। कोर्ट द्वारा अपने फैसले में कोई त्रुटि न पाते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले से एक बार फिर जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए कंसीडर किया जाए क्योंकि वे बीएड डिग्री धारक होने के साथ-साथ टैट उत्तीर्ण भी हैं और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं। ज्ञात रहे कि एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए सशर्त पात्र बनाए गए हैं अत: उन्हें नियुक्ति प्राप्त करने के पश्चात 6 महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना होगा।