Haryana
Karnal में एक घर के बुझ गए दो चिराग, गांव में पसरा मातम
21 वर्षीय प्रशांत और उनके 17 वर्षीय भाई साकेत की दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जब वे दिवाली मनाने के लिए अपने चाचा के घर जा रहे थे। Karnal के बजाना कलां गांव में रहते थे। उनके चाचा तेजराम करनाल की एक जेल में वार्डन के पद पर कार्यरत हैं। वे करनाल से कछवा रोड पर अपने चाचा के बेटे के स्कूल जा रहे थे। प्रशांत कार चला रहा था। जब वे कछवा रोड पर नहर के पुल के पास पहुंचे, तो कार बहुत तेज हो गई और नियंत्रण खो बैठी, जिससे वह बैरियर से जा टकराई।
कार बहुत तेज गति से चल रही थी, इसलिए वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई और टूट गई। कार के अंदर बैठे प्रशांत और साकेत बुरी तरह घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी दुखद मौत हो गई। वे अपने पिता रोशन लाल के इकलौते दो बेटे थे। उनके गांव बजाना कलां में हर कोई इन दो युवकों के चले जाने से बहुत दुखी था। उस शाम उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए एक विशेष समारोह आयोजित किया गया था। जब प्रशांत और साकेत के परिवार को पता चला कि कार दुर्घटना में उनकी मौत हो गई है, तो घर में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में हर कोई बहुत दुखी था। उनके पिता रोशन किसान हैं और अपने दोनों बेटों को खोकर बहुत दुखी हैं।
परिवार बहुत दुखी है और रोना बंद नहीं कर पा रहा है। उन्हें लगता है कि उनके ऊपर दुख का बहुत बड़ा बोझ है। बजाना कलां गांव के लोग भी वाकई बहुत दुखी हैं। कई गांववाले रोशनलाल के घर गए और अपनी चिंता जाहिर की। डॉक्टरों ने भाइयों की जांच की, जिसके बाद सोमवार को गांव के सभी लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
रोशन लाल के भाई अजीत ने बताया कि उनका बड़ा भतीजा प्रशांत घर से ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बीए की पढ़ाई कर रहा था और रोहतक के एक स्कूल में सरकारी नौकरी की तैयारी भी कर रहा था। उनका छोटा भतीजा साकेत खानपुर ग्लोबल स्कूल में 12वीं कक्षा में था। दोनों भाई दिवाली मनाने के लिए अपनी कार से अपने चाचा के घर गए।
लोगों ने बताया कि प्रशांत वाकई बहुत अच्छा ड्राइवर था, लेकिन बहुत तेज गाड़ी चलाने की वजह से उसका एक्सीडेंट हो गया। कुछ परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था, जिससे उसे कार पर नियंत्रण नहीं रख पाया और इसी कारण यह दुर्घटना हुई।