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Haryana में भाजपा के जिला अध्यक्षों में बदलाव की तैयारी, रोहतक और सिरसा में बदलाव तय

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Haryana में भाजपा जल्द ही कुछ जिला अध्यक्षों को बदलने की योजना बना सकती है, और इसका ऐलान अगले सप्ताह हो सकता है। इन बदलावों का निर्णय कोर कमेटी और छोटी टोली की मीटिंग में लिया जाएगा।

भा.ज.पा. से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, रोहतक और सिरसा के जिला अध्यक्षों को हटाना तय माना जा रहा है, क्योंकि इन दोनों जिलों में विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति बेहद कमजोर रही थी। इसके अलावा, तीन और जिलों में भी बदलाव हो सकता है। सिरसा, जो चौटाला परिवार का गढ़ है, और रोहतक, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का क्षेत्र है, इन दोनों जिलों में भाजपा का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था।

इसके अलावा भाजपा फतेहाबाद, झज्जर और नूंह में भी बदलाव कर सकती है। पार्टी उन चेहरों की तलाश में है जो जनता में अपनी पकड़ बनाए रखें, जिनकी छवि साफ-सुथरी हो और जो विवादों या गुटबाजी से दूर हों।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा पहले ही छह जिलाध्यक्षों की छुट्टी कर चुकी है। इस दौरान भाजपा ने सिरसा में ऐलनाबाद, रानियां, डबवाली और कालांवाली विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन भाजपा कोई भी सीट नहीं जीत सकी। सिरसा के जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज को अपनी विधानसभा रानियां में चौथे स्थान पर हार का सामना करना पड़ा था।

रोहतक में रणवीर ढाका जिला प्रधान हैं, जो ओपी धनखड़ के करीबी माने जाते हैं। उन्हें बदलने की प्रक्रिया कई महीनों से चल रही थी, और विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार ने इस फैसले को और मजबूती दी। रोहतक की महम, कलानौर, गढ़ी सांपला किलोई और कलानौर सीटों पर भाजपा हार गई।

लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद छह जिलाध्यक्षों की छुट्टी की गई थी। इनमें जींद, रेवाड़ी, सिरसा, हिसार, कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला अध्यक्ष शामिल थे। इन जिलों में नए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी, जैसे कि हिसार में अशोक सैनी, जींद में तेजेंद्र ढुल, सिरसा में शीशपाल कंबोज, रेवाड़ी में वंदना पोपली, कुरुक्षेत्र में सुशील राणा और कैथल में मुनीश कठवाड़ को जिलाध्यक्ष बनाया गया।

Editor Two

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