Haryana
Bhiwani के दिव्यांग खिलाड़ियों ने एशिया पैसिफिक खेलों में हासिल की सफलता, गोल्ड के लिए करेंगे तैयारी
जसपाल, जो दिव्यांग हैं, ने 1 से 8 दिसंबर तक मलेशिया के कोलालांपुर में आयोजित 10वीं एशिया पैसिफिक डीफ गेम्स में शॉटपुट में सिल्वर मेडल और डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीते। वहीं, अमित ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया और अपनी कड़ी मेहनत से Bhiwani का नाम रोशन किया। भिवानी के ही तीसरे खिलाड़ी रूपेश ने ज्वैलिन में सातवां स्थान हासिल किया, हालांकि कमर में चोट के कारण वह मेडल नहीं ले पाए।
Bhiwani में शानदार स्वागत
इन खिलाड़ियों का Bhiwani पहुंचने पर ढ़ोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। खिलाड़ियों को खुली जीप में सवार कर शहर में घुमाया गया और उनकी सफलता का जश्न मनाया गया।
आगे की योजना: 2025 के पैरा ओलंपिक में गोल्ड
बोलने और सुनने में अक्षम इन खिलाड़ियों ने हरियाणा और देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। इनकी अगली योजना 2025 के पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की है। जसपाल की माता मीना और पिता अशोक के साथ उनकी अध्यापिका सुमन शर्मा ने बताया कि ये खिलाड़ी न केवल अपने देश, बल्कि दुनिया में भी अपनी दिव्यांगता को पीछे छोड़कर सफलता की मिसाल बने हैं।
दिव्यांगता से ऊपर उठकर की सफलता
उनके परिजनों का कहना है कि वे कहीं भी अपने बच्चों की दिव्यांगता को महसूस नहीं करते। जसपाल पिछले तीन वर्षों से शॉटपुट और डिस्कस थ्रो की कोचिंग भी दे रहे हैं। अमित के पिता हरज्ञान ने बताया कि उन्हें अपने बेटे की सफलता पर गर्व है, क्योंकि यह उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय दौरा था। अब उनकी अगली योजना 2025 के पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की है।
इन खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी चुनौती हल की जा सकती है, और उनका आगामी लक्ष्य अब और भी ऊंचा है।