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Haryana में विधानसभा सत्र की फाइनल हुई डेट, कादियान सभी नवनिर्वाचित विधायकों को दिलाएंगे शपथ

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Haryana में नई सरकार बन गई है और उन्होंने तय कर लिया है कि विधानसभा की बैठक कब होगी। यह 25 अक्टूबर से शुरू होगी और 2 दिन तक चलेगी। विधानसभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ. रघुवीर कादियान को प्रोटेम स्पीकर चुना गया है, यानी वे फिलहाल बैठक का नेतृत्व करेंगे। वे पहले भी विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। 25 अक्टूबर को सुबह 10 बजे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एक व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर बनने के लिए शपथ विशेष वचन दिलवाएंगे।

इसके बाद कादियान सभी नए विधायकों को शपथ दिलवाएंगे। वे यह भी तय करेंगे कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर कौन होगा। कुछ लोग अलग-अलग जगहों से आए दो नेताओं हरविंदर कल्याण और मूलचंद शर्मा को स्पीकर नामक महत्वपूर्ण सहायक बनाने की बात कर रहे हैं। वे डॉ. कृष्ण मिड्ढा और रामकुमार गौतम को डिप्टी स्पीकर नामक एक अन्य महत्वपूर्ण समूह बनाने के बारे में भी सोच रहे हैं। एक नाम घनश्याम सर्राफ का भी है, जिन्हें भाजपा नामक समूह का मुख्य सचेतक चुना जा सकता है। इन विकल्पों के चुने जाने के बाद सरकार 8 नवंबर को बैठक कर सकती है।

विशेष समारोह के बाद, जिसमें लोगों ने अपना काम करने का वादा किया, 18 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपनी टीम के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी से इस बारे में बात की कि विधानसभा की बैठक कब होगी, और वे एक-दो दिन में तारीख तय करेंगे।

रघुवीर कादियान ने पहले भी प्रोटेम स्पीकर के तौर पर एक खास काम किया है, जिसका मतलब है कि वे नए नेताओं यानी विधायकों को कोई महत्वपूर्ण वादा करने में मदद करते हैं। उन्होंने 2014 और 2015 में भी यह काम किया था, तब भी नए विधायकों की मदद की थी। कादियान पहली बार 1987 में बेरी नामक जगह से विधायक बने थे। वे लोकदल नामक समूह का हिस्सा थे।

वर्ष 2000 से वे छह बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं, हमेशा कांग्रेस पार्टी के समर्थन से। 2006 से 2009 तक विधानसभा की बैठकों के संचालन का जिम्मा भी उन्हीं के पास था।

हरविंदर ने लगातार तीसरी बार घरौंदा में विधायक पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जीती है। वह रोड समुदाय के लोगों के समूह से हैं। दुर्भाग्य से उनके समुदाय को सरकार में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं मिला। हरविंदर मनोहर लाल खट्टर नामक पूर्व नेता के अच्छे दोस्त हैं, जो अब सरकार में बड़े बॉस हैं।

भाजपा ने करनाल में सभी 5 और पानीपत में 4 सीटें जीतीं। उन्होंने बड़े फैसले लेने में मदद के लिए पानीपत से 2 नेताओं को चुना, लेकिन करनाल से किसी को भी महत्वपूर्ण टीम में नहीं चुना गया, जबकि उनके पास 5 सीटें थीं।

कृष्ण लाल मिड्ढा ने जींद नामक जगह से लगातार तीन बार महत्वपूर्ण चुनाव जीता है। नेताओं के नए समूह में पंजाब से केवल एक व्यक्ति अनिल विज शामिल हैं। पिछली बार समूह में पंजाब से दो लोग थे।

पंजाब से दो लोग कृष्ण मिड्ढा और विनोद भयाना ने जींद और हिसार नामक जगहों से चुनाव जीता। वे मनोहर लाल नामक एक नेता के मित्र हैं। हिसार से रणबीर गंगवा नामक एक अन्य व्यक्ति अब एक विशेष समूह का हिस्सा है जो निर्णय लेने में मदद करता है, इसलिए ऐसा लगता है कि कृष्ण मिड्ढा को उपसभापति चुना जा सकता है, जो एक महत्वपूर्ण कार्य है। 18 अक्टूबर को नायब सैनी सरकार की पहली बैठक में, उन्होंने सभी को बताया कि जिन लोगों को वास्तव में किडनी की गंभीर समस्या है, वे राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस उपचार प्राप्त कर सकते हैं। सैनी ने यह भी उल्लेख किया कि जल्द ही, यह मुफ्त उपचार मेडिकल कॉलेजों में भी दिया जाएगा। उन्होंने नौकरियों और स्कूलों में लोगों के कुछ समूहों को विशेष सहायता प्राप्त करने के तरीके को बदलने का फैसला किया। अभी, हर 100 में से 15 स्थान एससी नामक एक समूह के लोगों के लिए सुरक्षित हैं, और हर 100 में से 7.5 स्थान एसटी नामक दूसरे समूह के लिए सुरक्षित हैं। कुल मिलाकर, यह हर 100 में से 22.5 स्थान है। सरकार अब चुन सकती है कि इन समूहों के विभिन्न हिस्सों को कितने स्थान दिए जाएँ जिन्हें अधिक मदद की ज़रूरत है क्योंकि उन हिस्सों से पर्याप्त लोग नहीं आ रहे हैं।

Editor Two

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