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Haryana की 90 सीटों पर काउंटिंग जारी, बीजेपी और कांग्रेस में देखने को मल रही कड़ी टक्कर

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Haryana में लोग 90 महत्वपूर्ण सीटों के लिए वोटों की गिनती कर रहे हैं। पहले तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और बहुत सी सीटें जीत रही है। वे 65 सीटों पर पहुँच गए थे! लेकिन अब, चीजें बहुत बदल गई हैं और भाजपा पार्टी ने बढ़त बना ली है और कांग्रेस से ज़्यादा सीटें जीत ली हैं। एक समय भाजपा के पास सिर्फ़ 17 सीटें थीं, लेकिन अब उनके पास बहुमत है।

सुबह 9:30 बजे, भाजपा पार्टी प्रतिस्पर्धा में शामिल हो गई और दूसरी पार्टी से सिर्फ़ दो सीटें पीछे रह गई। 9:44 बजे तक, दोनों पार्टियों के पास बराबर सीटें थीं, 43-43। उसके बाद, भाजपा को 46 सीटें मिलीं।

लाडवा में नायब सिंह सैनी जीत रहे हैं और हिसार में सावित्री जिंदल जीत रही हैं। जुलाना में विनेश फोगट का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा।

5 अक्टूबर को, राज्य में बहुत से लोग मतदान करने गए – हर 100 लोगों में से लगभग 68। यह पिछली बार की तुलना में थोड़ा कम है जब कुछ ज़्यादा लोगों ने मतदान किया था।

ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी काबिज हो सकती है और उसे 50 से 55 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, अभी ज़्यादा लोग बीजेपी पार्टी को पसंद करने लगे हैं।

2000 से 2019 के बीच हरियाणा में 5 चुनाव हुए। इनमें से 2 चुनावों में ज़्यादा लोगों ने वोट नहीं दिया या फिर थोड़े ज़्यादा लोगों ने वोट किया- सिर्फ़ 1% ज़्यादा। इस वजह से कोई स्पष्ट विजेता नहीं था, जिसे “त्रिशंकु विधानसभा” कहा जाता है। पहले से ही सत्ता में रही पार्टी को इस स्थिति का फ़ायदा मिला।

नेता नायब सैनी कहते हैं कि 8 अक्टूबर से हरियाणा में बीजेपी पार्टी काबिज हो जाएगी और उन्हें लगता है कि उन्हें काफ़ी समर्थन मिलेगा। उन्हें इस बात का भरोसा है क्योंकि वे राज्य को आगे बढ़ाने और बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

पूर्व नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब से उन्होंने अपना चुनाव अभियान शुरू किया है, उन्हें लगा है कि बहुत से लोग कांग्रेस पार्टी का समर्थन करना चाहते हैं। उनका मानना ​​है कि कांग्रेस काफ़ी वोट जीतेगी और बीजेपी पार्टी से सत्ता छीन लेगी।

इनेलो के अहम नेता अभय चौटाला ने कहा कि चुनाव नतीजों को लेकर की गई भविष्यवाणियां सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसी जगहों पर एक पार्टी की जीत की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन दूसरी पार्टी जीत गई। उनका मानना ​​है कि जो लोग कह रहे हैं कि इस बार वे जीतेंगे, वे गलत साबित होंगे।

Editor Two

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