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CM के बड़े फैसलों ने बदल दी है प्रदेश की राजनीतिक आबो हवा

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चंडीगढ़ : आगामी विधानसभा चुनावों में जीत का पंचरम लहराने के लिए फिर से भारतीय जनता पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री मनोहर लाल होंगे, यह तो तय है। क्योंकि हरियाणा के इतिहास में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2019 में दोबारा सरकार बनाने की उपलब्धि भाजपा को दिलवाई थी और इस बार भी हालात और राजनीतिक गणित साबित कर रहे है कि प्रदेश फिर से मनोहर मय होने को तैयार है। मुख्यमंत्री के रूप में एक बड़ी पसंद मनोहर लाल बने हुए है, तो ऐसे में प्रदेश भाजपा का मुख्य चेहरा मनोहर लाल ही रहेंगे यह लगभग माना जा सकता है। पिछले चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो भाजपा को सत्तासीन करने का श्रेय जीटी रोड बेल्ट को जाता है। इसी जीटी रोड बेल्ट पर भाजपा के तुरुप का इक्का व एक अजय प्रत्याशी अनिल विज भी विरोधियों के लिए एक संकट से कम नहीं है।

जातिगत गणना के हिसाब से इस बेल्ट पर एक बड़ी आबादी पंजाबी मतदाताओं की है। मनोहर मंत्रिमंडल में एक स्थापित और जन समर्पित नेता की पहचान प्रदेश में बनाए हुए अनिल विज भाजपा के लिए इस बार भी बेहद लाभकारी साबित होने वाले हैं। अन्य मंत्रियों से कहीं अधिक लोकप्रियता हासिल करने वाले अनिल विज को चाहने वालों की फौज प्रदेश के कोने कोने में मौजूद है। लगातार जनता दरबार लगाकर फरियादियों की पीड़ा को समझते हुए अधिकारियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने वाले विज आने वाले हर चुनाव में भाजपा के लिए अत्यंत फायदे का सौदा साबित होंगे। यानि यह तो साफ है कि मनोहर और अनिल की जोड़ी हर चुनाव का रुख मोड़ने की क्षमता रखती है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुछ समय में ही प्रदेश की राजनीति की आबो हवा को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। जिस प्रकार से आम गरीब की पीड़ा को हरने के लिए तरह-तरह की योजनाएं और नीतियां मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई है, जिस प्रकार से कर्मचारियों के हितों में बड़े फैसले लिए गए हैं, जिस प्रकार से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक आम आदमी को रोजगार देने की नीति पर बड़ा काम किया है, यह वास्तव में उनकी ईमानदार सोच को दर्शाता है। वहीं दूसरी तरफ अनिल विज ने अपने विभागों में उम्मीद से कहीं अधिक बड़े बदलाव करके प्रदेश के हर व्यक्ति को प्रभावित किया ही है, वही उनके दरबार में लगने वाली लंबी कतारें और फरियादियों को तुरंत इंसाफ देने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय लेवल का नेता बना दिया है। स्वास्थ्य कारणों के चलते जनता दरबार बंद करने के बावजूद आस उम्मीद लेकर उनके निवास के बाहर लोगों की आज भी भीड़ कम नहीं हुई, इसे कोई आम बात नहीं माना जा सकता। प्रदेश के कोने-कोने से पहुंचने वाली जनता उनके गुणगान करती हुई वहां से लौटती है, ऐसा भी कहा जा सकता है कि आज ऐसा कोई प्रदेश में मंत्री नहीं जो कहीं किसी भी स्तर से उनके सामने किसी भी तरह से टिकता हो। हरियाणा को जीतने तथा लोकसभा की सभी 10 सीटें पार्टी की झोली में डालने की क्षमता वाले यह दोनों नेता विरोधियों को दांतों तले चने चबाने को मजबूर करने वाले हैं।

बुद्धिमान सेनापतियों की टीम लिख रही है मनोहर जीत की पटकथा

किसी भी बड़े संस्थान या राजनीतिक दल की कामयाबी की पीछे अवश्य ही कुछ ऐसे चेहरे होते हैं जो पर्दे के पीछे रहकर सफलता की दास्तान लिखते हैं। ऐसी ही कुछ शख्सियत भाजपा में भी मौजूद हैं या यूं कहें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास ऐसे बुद्धिमान सेनापतियों की कमी नहीं है जो हारी हुई बाजी को जितवाने की क्षमता रखते हैं। यह वह लोग हैं जो राजनीतिक व प्रशानिक रूप से मुख्यमंत्री की सफलता की सीढ़ी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा लगातार जनता के लिए बनाई गई लाभान्वित योजनाएं किस प्रकार से जनता तक पहुंचे और उनका सही तरीके से गुणगान भी हो, इसकी रूपरेखा बनाने का जिम्मा इन लोगों को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री द्वारा पिछले 9 सालों में लिए गए बड़े-बड़े फैंसलों के बावजूद उनकी ज्यादा जानकारी जनता को हासिल नहीं हो सक रही थी, लेकिन डीआईजीपीआर के पद पर बेहद काबिल आईएएस अधिकारी डॉ अमित अग्रवाल की नियुक्ति के बाद एकदम से बड़े बदलाव प्रदेश में देखने को मिले हैं। अग्रवाल बेहद मंजे हुए प्रशासनिक अधिकारी है। जिन्हें जब-जब जो-जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने सौंपी है हर कसौटी पर वह खड़ा उतरे हैं। पूरी तरह से ईमानदार डॉ अमित अग्रवाल ने कई महत्वपूर्ण विभागों में तमाम पदों पर कार्य करके हमेशा अपनी क्षमता को प्रमाणित किया है।

कई बड़े चेहरे भाजपा में शामिल करवा चुके हैं भंडारी

वहीं राजनीतिक रूप से बेहद परिपक्व कुछ चेहरे आगामी चुनावों की पटकथा लिख रहे हैं। इनमें मुख्यतः तरुण भंडारी जो प्रदेश सरकार में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रचार सलाहकार जैसी बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री के बेहद विश्वसनीय और नजदीकी तरुण भंडारी अब तक कई बड़े चेहरे अन्य दलों से भाजपा में शामिल करवा चुके हैं। स्टीक कूटनीति के माहिर भंडारी मुख्यमंत्री की बड़ी पसंद है। मुख्यमंत्री समय-समय पर उन्हें एक मिशन के रूप में बड़ी जिम्मेदारी सौंपते रहते हैं। प्रवीण अत्रेय जो डीआईजीपीआर विभाग में मीडिया सेक्रेटरी है, बेहद उत्तम भाषा शैली के माहिर प्रवीण अत्रेय की वाणी विरोधियों के लिए हमेशा अकर्मक दिखती रही है। मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर राजीव जेटली विरोधियों के लिए तेज धारदार वाणी लेकिन वास्तव में बेहद मिलनसार और बेहद बुद्धिमान मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण टीम के महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रदेश के पत्रकार वर्ग के लिए बनाई गई लाभान्वित योजनाओं में इस पूरी टीम का बड़ा योगदान कहा जा सकता है।

पत्रकारों के लिए बनाई लाभान्वित योजनाओं का भी लाभ मिलेगा भाजपा को

मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पिछले 9 सालों में हर वर्ग को लाभान्वित किया गया है। लेकिन दूसरों की लड़ाई लड़ने और अधिकार दिलवाने वाला पत्रकार वर्ग हमेशा सरकारों के अनदेखी का शिकार रहा है। अगर कहें कि यह पहली ऐसी सरकार रही है जिसने पत्रकारों के बलिदान और योगदान को गहराई से समझा है। मनोहर की इस पूरी टीम के प्रयासों और मुख्यमंत्री की उत्तम सोच के चलते पत्रकारों को बड़े लाभ इस सरकार में दिए गए हैं। जिसका लाभ भी सरकार को मिलना तय है। हाल ही में चीफ मीडिया कोआर्डिनेटर नियुक्त किए गए सुदेश कटारिया जो हमेशा मुख्यमंत्री को एक संत के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं और हमेशा मुख्यमंत्री को दलित हितेषी साबित करते रहते हैं। इस प्रकार अगर कहे कि इस प्रकार की टीम मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास है तो मुमकिन है कि तीसरी बार हरियाणा में मनोहर सरकार बन सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार होगा कि तीसरी बार लगातार कोई पार्टी सरकार बनाएगी और तीसरी बार एक ही चेहरा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होगा।

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