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Sirsa: 15 साल की मेहनत के बाद ईश्वर को मिली 10 लाख की लॉटरी

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Sirsa जिले के गांव जासानिया में रहने वाले ईश्वर की किस्मत ने आखिरकार करवट ली। साइकिल पर घूम-घूमकर कपड़े बेचने वाले ईश्वर को 15 साल बाद पहली बार 10 लाख रुपये की लॉटरी लगी। इस खुशखबरी ने न केवल ईश्वर और उसके परिवार को खुश किया, बल्कि पूरे गांव और आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बना दिया।

15 साल की उम्मीदें हुईं पूरी

ईश्वर पिछले 15 साल से लॉटरी टिकट खरीदता आ रहा था। वह गांव-गांव जाकर कपड़े बेचने का काम करता है और अपनी कमाई में से थोड़ा हिस्सा लॉटरी टिकट खरीदने पर खर्च करता था। मंगलवार रात को जब पंजाब स्टेट डियर 200 मंथली लॉटरी का ड्रॉ निकला, तो लॉटरी एजेंट विनोद कुमार ने ईश्वर को फोन पर इस खुशखबरी की सूचना दी। 10 लाख रुपये की लॉटरी लगने की खबर सुनकर ईश्वर और उसका परिवार खुशी से झूम उठा।

बेटे के नाम पर ली थी लॉटरी

ईश्वर ने बताया कि उसने यह लॉटरी अपने बेटे आर्यन के नाम पर खरीदी थी। आर्यन गूंगा-बहरा है, और ईश्वर की यह जीत उसके लिए खास मायने रखती है। ईश्वर ने बताया कि वह इस रकम का इस्तेमाल गांव में कपड़े की दुकान खोलने में करेगा ताकि वह स्थायी रूप से अपने परिवार का पेट पाल सके।

लॉटरी एजेंसी का बयान

दीपक लॉटरी एजेंसी सरदूलगढ़ के संचालक दीपक मोंगा और लॉटरी एजेंट विनोद कुमार बुधवार को ईश्वर के घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि ईश्वर का लॉटरी क्लेम 10 जनवरी को फाइल किया जाएगा, जिसके बाद यह रकम सीधे ईश्वर के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

गांव में खुशी का माहौल

लॉटरी जीतने के बाद ईश्वर और उसके परिवार ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। गांव और आसपास के लोग उसे बधाई देने उसके घर पहुंचने लगे। ईश्वर ने कहा कि भगवान ने उसकी 15 साल की प्रार्थनाओं को सुन लिया है, और अब वह अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रहा है।

क्षेत्र में चर्चित मामला

लॉटरी एजेंसी संचालक दीपक मोंगा ने बताया कि सिरसा जिले में पिछले पांच वर्षों में कई लोगों की लॉटरी निकली है, लेकिन ईश्वर का मामला खास है क्योंकि उसने इतने लंबे समय तक धैर्य और उम्मीद बनाए रखी। ईश्वर की कहानी इलाके में प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

Editor Two

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