Delhi
Ram Mandir: हाथों पर ‘राम’ नाम की मेहंदी, लोग इस अंदाज में मना रहे जश्न (VIDEO)
नेशनल डेस्कः अयोध्या तैयार है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए। रामलला के आने की गूंज अयोध्या में ही नहीं देश-दुनिया में सुनाई दे रही है। रामभक्त अपने-अपने तरीके से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में शामिल हो रहे हैं। मानों ऐसा लग रहा है कि त्रेता युग एक बार फिर वापस लौट आया है। जिस प्रकार 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे। उनके स्वागत की तैयारियों में पूरी अयोध्या ने उत्सव मनाया था। ठीक इसी प्रकार 500 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद एक बार फिर रामजन्मभूमि पर श्री राम का मंदिर बन रहा है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। देशवासी प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में डूबे हुए हैं।
कोलकाता में युवतियां हाथों पर राम नाम की मेंहदी रचाती नजर आई। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में देख सकते हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में बड़ी संख्या में महिलाएं हाथों पर मेंहदी से ‘जय श्री राम’ का नाम लिखवाते नजर आईं हैं। इतना ही नहीं महिलाओं ने अपने-अपने हाथों पर श्री राम की तस्वीर और राम मंदिर को भी बनवाया है। शेयर किए गए वीडियो में देख सकते हैं कुछ महिलाओं के हाथों पर श्रीराम धनुष लिए हुए हैं, कुछ ने राम मंदिर की रिप्लिका बनाई हुई है। किसी ने ‘जय श्री राम’ लिखवाया हुआ है तो किसी ने बालरूप की मेंहदी अपने हाथ पर रचाई है।
गुजरात के शख्स ने 1992 से नहीं पहने जूते
वहीं, अयोध्या पूरी तरह से धार्मिक उत्साह में डूबी हुई है और हर ओर ‘सीता राम’ और ‘जय हनुमान’ के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। लोग ‘जय श्री राम’ लिखे वस्त्र धारण किए दिखाई दे रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद से साइकिल चलाकर 63 वर्षीय नेमाराम प्रजापति भगवान राम की भूमि यानी अयोध्या पहुंचे हैं। प्रजापति ने कहा,”मैंने 1992 से जूते नहीं पहने हैं और मेरा संकल्प था कि मैं जूते तभी पहनूंगा जब अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। मैं प्रभु राम के दर्शन के लिए अहमदाबाद से नंगे पैर साइकिल चलाकर अयोध्या पहुंचा हूं।” अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले पोस्टर लगाए गए हैं जिनपर “शुभ घड़ी आई”, “तैयार है अयोध्या धाम, विराजेंगे श्री राम” और “राम फिर लौटेंगे” जैसे नारे लिखे हैं। नगर में राम मार्ग, सरयू नदी तट और लता मंगेशकर चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर पोस्टरों पर रामायण के विभिन्न श्लोक भी छापे गए हैं।