Chandigarh

Government Land पर अब Development की बयार: Mann सरकार ने खत्म किया ‘Mafia Rule’, शुरू किए बड़े Projects, युवाओं के लिए नए Employment Opportunities

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पंजाब में अब सिर्फ़ वादे नहीं, बल्कि ज़मीन पर काम दिख रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने वह कदम उठाया है, जिसे लेकर सालों से सिर्फ़ बातें होती रहीं थीं। राज्य की वह बेशकीमती सरकारी ज़मीनें, जो दशकों तक खाली पड़ी थीं या गलत तरीके से कुछ दबंग और भू-माफ़िया के कब्ज़े में थीं, अब जनता के हित में इस्तेमाल हो रही हैं। यह फैसला सिर्फ़ विकास का संकेत नहीं, बल्कि यह भी बताता है कि सरकार की नीयत साफ़ है और वह पंजाब की तरक्की को नई राह देने के लिए गंभीर है।

पहले क्या हो रहा था?

PUDA, GLADA और अन्य सरकारी विभागों के पास पंजाब के कई शहरों में अरबों रुपये की ज़मीनें थीं।
लेकिन:

  • ये ज़मीनें वर्षों तक यूं ही खाली रहीं
  • कई जगह उन पर लोगों का अनौपचारिक कब्ज़ा हो गया
  • कुछ राजनीतिक और निजी हित वाले लोग इन जमीनों का गलत फायदा उठा रहे थे
  • और विकास की गाड़ी ठहरी हुई थी

आम जनता और युवाओं को इन ज़मीनों से कोई फायदा नहीं मिल रहा था।

अब क्या बदल रहा है?

मान सरकार ने साफ़ कर दिया है कि अब सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल केवल जनता के लिए होगा, न कि किसी खास वर्ग के लिए। इसी नीति के तहत कई जगहों पर बड़े विकास प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं।

1. बुढलाडा (मानसा) में नई आधुनिक मंडी

PUDA की पुरानी और खाली पड़ी ज़मीन का इस्तेमाल करके यहाँ:

  • एक बड़ी और आधुनिक अनाज मंडी बनाई जा रही है
    यह मंडी किसानों के लिए सुविधाजनक होगी, व्यापार बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

2. लुधियाना में World-Class Convention & Trade Center

लुधियाना में PunAgro की बेकार पड़ी ज़मीन पर:

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन और ट्रेड सेंटर बनने जा रहा है
    इससे:
  • बिजनेस इवेंट्स में बढ़ोतरी होगी
  • बाहर से कंपनियाँ और निवेशक आएँगे
  • होटल, ट्रैवल, फूड और लोकल मार्केट को फायदा होगा
  • और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे

3. बाकी शहरों में भी विकास प्लान

PUDA और GLADA की अन्य ज़मीनों को भी:

  • कमर्शियल हब
  • पब्लिक फैसिलिटी सेंटर
  • और स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में बदलने की प्लानिंग जारी है

सरकार का कहना है कि हर इंच जमीन अब जनता के हित में इस्तेमाल होगी।”

विरोध भी हो रहा है, लेकिन क्यों?

कुछ राजनीतिक दल इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि:

  • पहले जिस व्यवस्था में ये जमीनें खाली या विवादों में फँसी रहती थीं,
  • उस सिस्टम से कुछ लोगों को फायदा होता था
    इसलिए अब जब जमीनें जनता के लिए इस्तेमाल हो रही हैं,
    तो कई लोगों को परेशानी हो रही है।

सरकार का साफ़ कहना है:

“अब रुकावट की राजनीति नहीं चलेगी। संसाधन जनता के हैं और उन्हीं के लिए इस्तेमाल होंगे।”

नतीजा क्या?

इस कदम से:

  • खाली पड़ी सरकारी ज़मीनें अब उत्पादक संपत्ति बन रही हैं
  • किसानों, कारोबारियों और युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा
  • शहरों में निवेश और ट्रेड बढ़ेगा
  • और सबसे बड़ी बात, रोज़गार के नए दरवाज़े खुलेंगे

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