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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी लागू हो सकता है दो उपमुख्यमंत्री का फार्मूला

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चंडीगढ़ : अभी हाल में पांच राज्यों में से तीन राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने नया फार्मूला लागू करते हुए नए चेहरों को तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया ही, इसके साथ ही जातीय समीकरणों को साधते हुए इन तीनों ही राज्यों में दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाने की भी नई परंपरा भी शुरू की है। इस तरह का फार्मूला ही अब जल्द ही भाजपा नेतृत्व द्वारा हरियाणा सहित भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। हरियाणा में यह फार्मूला जल्द लागू हो सकता है, क्योंकि हरियाणा में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। वहीं, अगले वर्ष होने वाले संसदीय एवं विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में भी सत्ता और संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है। इस कड़ी में जहां मंत्रिमंडल में परिवर्तन कर कुछ नए मंत्री बनाए जा सकते हैं तो हरियाणा में दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला लागू किया जा सकता है।

सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही भाजपा जल्द ही संगठन में भी फेरबदल कर सकती है। ऐसे में सरकार व संगठन में बदलाव को लेकर मंथन प्रक्रिया चल रही है और ऐसी संभावना है कि अगले वर्ष जनवरी माह में सत्ता व संगठन का यह बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में चूंकि मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर लाल खट्टर भाजपा नेतृत्व की पहली पसंद हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का चेहरा तो आगामी चुनावों में वे ही रहेंगे, जबकि जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें एक उपमुख्यमंत्री जाट समुदाय से निश्चित माना जा रहा है। इसी तरह से इस माह के अंत या नए वर्ष के आगमन पर हरियाणा के मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। ऐसी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शीर्ष नेतृत्व के साथ सलाह-मशवरा करने के बाद अपने मंत्रिमंडल का चेहरा-मोहरा बदल सकते हैं। इसके अलावा कुछ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल की संभावना है। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ भाजपा शीर्ष नेतृत्व के साथ सलाह करने के बाद अपनी नई टीम का ऐलान जल्द कर सकते हैं।

हरियाणा में भी बनाए जा सकते हैं दो उपमुख्यमंत्री

सियासी विश्लेषकों का मानना है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में जजपा के कोटे से दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री हैं। यह भी चर्चा जोरों पर है कि जजपा से गठबंधन टूटने के आसार बनते जा रहे हैं और ऐसे में भाजपा अपने कोटे से भी दो विधायकों को उपमुख्यमंत्री की सौगात दे सकती है। गौरतलब है कि अभी हाल में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान तीनों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही भाजपा ने इन तीनों ही राज्यों में जातीय समीकरणों को मद्देनजर रखते हुए दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए हैं। इसी तरह का फार्मूला हरियाणा में भी लागू किया जा सकता है। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित प्रदेश में कुल 14 मंत्री हैं और विधायकों के अनुपात के अनुसार अधिकतम 14 ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर भाजपा कई तरह के प्रयोग सत्ता में कर सकती है। वैसे अब तक हरियाणा में चौ. चांदराम, डा. मंगलसेन, बनारसी दास गुप्ता, चंद्रमोहन बिश्रोई व दुष्यंत चौटाला ही उपमुख्यमंत्री बन सके हैं। हरियाणा के अब तक के सियासी इतिहास में कभी भी दो उपमुख्यमंत्री एक साथ नहीं बनाए गए हैं। अब भाजपा अपनी नई सियासी रणनीति के अंतर्गत नए फार्मूले को लागू करते हुए दो उपमुख्यंत्री बना सकती है और इसका उद्देश्य अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में लाभ लेना है। ऐसी चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व दलित, ब्राह्मण व जाट समुदायों में से उपमुख्यमंत्री बना सकती है। वर्तमान में जाट समुदाय से 5, दलित समुदाय से 2 जबकि ब्राह्मण समुदाय से एक मंत्री है। 

Editor One

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