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इस दीवाली पर नहीं जगमगाएगा PGI, डायरेक्ट ने जारी किए सख्त आदेश

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चंडीगढ़ : पी.जी.आई. में आग लगने के हादसे के बाद संस्थान अलर्ट मोड पर है। दीवाली को देखते हुए खास सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। डायरैक्टर पी.जी.आई. डॉ. विवेक लाल ने आदेश दिया है कि दीवाली को देखते हुए किसी भी तरह की लाइटिंग, दीए, मोमबत्ती, पटाखे या किसी भी तरह का कोई ऐसा उपकरण जिसमें विस्फोट या आग लगने का खतरा हो उसे संस्थान के आसपास नहीं जलाया जाएगा।

डायरैक्टर के मुताबिक किसी भी मरीज, अटैंडैंट या संस्थान को कोई नुक्सान न हो इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही सेफ्टी को देखते हुए फायर सेफ्टी, ट्रामा सैंटर, एमरजैंसी, सिक्योरिटी टीम और दूसरे कई विभाग को सचेत रहने के लिए कहा गया है। डायरैक्टर ऑफिस की ओर से पी.जी.आई. के सभी विभागों को इसका ऑर्डर दिया गया है। खास नंबर जारी किए गए हैं, ताकि वक्त रहते किसी भी हादसे को रोका जा सके।

1 करोड़ 78 लाख रुपए के टैंडर आमंत्रित

पी.जी.आई. में 9 अक्तूबर को हुए आग लगने के हादसे के बाद फायर सेफ्टी उपकरण को लेकर काफी बदलाव किए जा रहे हैं। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए पी.जी.आई. ने जांच कमेटी भी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट में बताया गया था कि आग लगने की बड़ी वजह यू.पी.एस. बैटरी में शॉर्ट सर्किट था। पी.जी.आई. ने यू.पी.एस. बैटरी को बदलने के लिए हाल ही में टैंडर भी कॉल कर दिया है। पी.जी.आई. में अलग-अलग 25 साइट्स हैं, जहां यू.पी.एस. रूम में इस तरह की बैटरी रखी हुई हैं। हालांकि डिपार्टमैंट लगातार और वक्त-वक्त पर इनकी चैकिंग और सॢवस करता रहता है, ताकि किस तरह की दिक्कत न हो। इन सभी बैटरीज को अगले 6 महीने से पहले पहले बदल दिया जाएगा, इसके लिए 1 करोड़ 78 लाख रुपए का टैंडर आमंत्रित किया गया है।

पी.जी.आई. में बिजली में किसी तरह का फॉल्ट आने पर जैनरेटर से बिजली सप्लाई शुरू होती है, लेकिन उसके लिए कम से कम 2 मिनट का वक्त लगता है, लेकिन कई ओ.टी. और दूसरे कई मैडीकल उपकरण के लिए लगातार बिजली की सप्लाई की जरूरत होती है। इस दो मिनट के गैप को यहां यू.पी.एस. रूम में रखी बैटरी से पॉवर मिलती है ऐसे में यह एक जरूरी हिस्सा है। नई बिल्डिंग्स में एक एक बैटरी को अलग-अलग डक के जरिए रखा जाता है, लेकिन पी.जी.आई. में नेहरू बिल्डिंग्स पुरानी है।

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