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मई 2022 से अब तक परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर ऑटोमेटिक बनी 1 लाख 40 हजार वृद्धों की पेंशन : मुख्यमंत्री

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चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों को दफ्तर, दरखास्त और दस्तावेज से मुक्ति दिलाते हुए उन्हें घर बैठे ही योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया है। इस दिशा में परिवार पहचान पत्र सबसे अहम दस्तावेज बनकर उभरा है। मई 2022 में सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और तबसे अब तक लगभग 1 लाख 40 हजार वृद्धों का भत्ता ऑटोमेटिकली शुरू किया जा चुका है। इस समय प्रदेश में 18 लाख 52 हजार 85 बुजुर्गों को लगभग 506 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री आज यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑटोमेटिक ढंग से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता पाने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।

मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का ज्यादा से ज्यादा वृद्धों को लाभ पहुंचाने के लिए इसके लिए आय सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक तक की है। भविष्य में भी जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा तथा पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपये वार्षिक तक होगी, उसका वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगा। इसके लिए केवल पात्र व्यक्ति की सहमति ली जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में लाभार्थियों को 1000 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी। हमारी सरकार ने हर साल इस सम्मान भत्ता की राशि में वृद्धि करते हुए 2,750 रुपये मासिक किया और अब आगामी पहली जनवरी, 2024 से इस राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये कर दिया है।

उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन के अलावा सरकार विधवा महिलाओं, गंभीर बिमारी से ग्रस्त व्यक्तियों और दिव्यांग व्यक्तियों को भी पेंशन का लाभ देती है। इनके अलावा, अब सरकार ने विधुर को भी 40 साल की आयु के बाद तथा 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वाले अविवाहित पुरुषों के लिए भी मासिक पेंशन देने की शुरुआत की है। इस प्रकार राज्य में कुल 30 लाख लोगों को मासिक पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इस प्रकार जनवरी, 2024 से एक बड़ा हिस्सा पेंशन सुविधाओं के लिए खर्च होगा।

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