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GST को लेकर करीब 1500 कारोबारियों को 1.45 लाख करोड़ का मिला नोटिस

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बिजनेस डेस्कः वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर करीब 1500 कारोबारियों को 1.45 लाख करोड़ का नोटिस मिला है। यह नोटिस वित्तीय वर्ष 2018 के लिए वार्षिक रिटर्न और इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों में विसंगतियों को लेकर दिया गया है। यह नोटिस दिसंबर में भेजा गया है। असल में 31 दिसंबर, 2023 तक टैक्स विसंगतियों को करेक्ट कर फाइलिंग करने की डेडलाइन थी। एक रिपोर्ट के अनुसार 1.45 लाख करोड़ रुपए के नोटिस में जुर्माना और ब्याज शामिल है। साल 2017-18 में कुल 72.5 लाख जीएसटी रिटर्न फाइल हुए थे।

48000 की गई जांच
रिपोर्ट के अनुसार साल 2017-18 और 2018-19 के लिए, विसंगतियों का पता चलने या सिस्टम द्वारा चिह्नित किए जाने के बाद 30 दिसंबर तक 48,000 जीएसटी रिटर्न की जांच की गई। जिसके आधार पर यह नोटिस भेजे गए हैं।

44 हजार करोड़ के फर्जी दावे
इस बीच जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी पंजीकरण के खिलाफ अभियान के दौरान दिसंबर 2023 तक आठ महीनों में 44,015 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों में शामिल 29,273 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है। इससे 4,646 करोड़ रुपए का राजस्व बचाने में मदद मिली।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4,153 फर्जी कंपनियों का पता चला, जिनमें करीब 12,036 करोड़ रुपए की संदिग्ध आईटीसी चोरी में शामिल थीं। केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने इनमें से 2,358 फर्जी कंपनियों का पता लगाया। इनमें से सबसे अधिक 926 कंपनियां महाराष्ट्र में, इसके बाद राजस्थान में 507, दिल्ली में 483 और हरियाणा में ऐसी 424 कंपनियों का पता चला।

मंत्रालय के अनुसार, इन मामलों में 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 31 गिरफ्तारियां केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों द्वारा की गईं। अक्टूबर दिसंबर तिमाही के दौरान चलाए अभियान में 1,317 करोड़ रुपए के राजस्व को बचाने में मदद मिली जिसमें से 319 करोड़ रुपए की वसूली हुई और 997 करोड़ रुपए आईटीसी को अवरुद्ध करके सुरक्षित किए गए। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। पंजीकरण के समय ‘बायोमेट्रिक’ आधारित आधार प्रमाणीकरण की पायलट परियोजनाएं गुजरात, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश राज्यों में शुरू की गई हैं।

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