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योगी सरकार के महाबजट पर विपक्षी पार्टियों ने खड़े किए सवाल, जानिए किसने क्या कहा?

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रुपये) है। बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये (24,863.57 करोड़ रुपये) की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं। इस बजट को भाजपा और उनके समर्थित दल काफी अच्छा बता रहे हैं वहीं विपक्षी दल इसे चुनावी लालीपोप बता रहा है। आइए जानते हैं बजट पर किसने क्या कहा….

सपने दिखाने वाला बजटः अखिलेश
विधानसभा में सोमवार को प्रस्तुत 2024-25 के बजट को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ये दिल्ली वाले और लखनऊ वाले केवल बड़े-बड़े सपने दिखा रहे हैं। पत्रकारवार्ता करते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का ये बजट केवल 10 प्रतिशत लोगों के लिए है। 90 प्रतिशत लोगों को मायूसी हाथ लगी है। उन्होंने कहा, इस बजट से गैर बराबरी बढ़ेगी।

चुनावी हित का ज्यादा ध्यान: मायावती
वर्ष 2024-25 का बजट पार्टी के चुनावी हित का ज्यादा और व्यापक जनहित व जनकल्याण का कम लगता है। विभिन्न घोषणाएं, वादे और दावे अपनी जगह, पर क्या विकास संबंधी पिछले सारे वादे सरकार के पूरे हो गये हैं, इसका भी मूल्यांकन जरूरी है। सरकार सर्वसमाज के हित, विकास व कानून-व्यवस्था के सम्बन्ध में जितने में भी दावे व वादे बजट में करती है, उसका सही से अनुपालन होना भी जरूरी है।

निराशाजनक यथास्थिति वाला बजट: अजय रॉय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि प्रदेश का बजट *उम्मीद रहित यथास्थितिवादी है। बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शब्दों और जुमलों की बाजीगरी करता हुआ यह बजट प्रदेश के युवाओं को भ्रमित, पिछड़ों और अनुसूचित वर्गों से साथ छलावा, महिलाओं को निराश व किसानों को हताश करने वाला है ।उन्होंने कहा कि किसानों की हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार का सच यह है कि प्रदेश की कृषक गृह (एग्रीकल्चर हाउसहोल्ड) की औसत मासिक आय 6668 है जो राष्ट्रीय औसत आय 8931 से 35 प्रतिशत कम है।

बजट बड़ा, पर कुछ नया नहींः आराधना मिश्रा
नेता कांग्रेस विधानमंडल आराधना मिश्रा ने कहा कि दल बजट बड़ा है, पर महत्वपूर्ण विभागों के लिए कुछ नया नहीं है। बजट का आकार और संख्या बड़ी होना बजट की बहुत ही छोटा सफलता की निशानी नहीं है, क्योंकि पिछले बजट को इसी तरह बड़ा बनाया गया था लेकिन 40 प्रतिशत विभागों ने अपना आवंटित बजट खर्च नहीं किया, जब पिछले बजट का आवंटन विभाग खर्च नहीं कर पाए तो बजट को खर्च किए बिना प्रदेश का विकास कैसे हो सकता है। बजट को सबसे बड़ा बढ़कर कीर्तिमान रचने की बात की जा रही है लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश बजट में अधिकांश आवंटन सिर्फ पुरानी योजनाओं को लेकर ही है।

आकार में बड़ा लेकिन जनता के लिए छोटा बजट: अनिल
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा है कि यह बजट केवल आकार में बड़ा है लेकिन किसानों, नौजवानों एवं आम जनता के लिए है। प्रदेश के किसान, नौजवान और आम नागरिक इस बजट में अपनी खुशियां ढूंढ रहे हैं लेकिन इस बजट में खुशियों की जगह सिर्फ निराशा ही मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आज तक नहीं समझ पाई है कि युवाओं और बेरोजगारों को क्या चाहिये। दरअसल भाजपा सरकार की रीति नीति जनविरोधी है, वह पूंजीपतियों के लिए 90 प्रतिशत बजट का प्रावधान करती है और बजट का कुल 10 प्रतिशत आम जनमानस के लिए होता है।

आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगाः अनुप्रिया
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का यह बजट प्रदेश के अनुसूचित व पिछड़े वर्ग के सामाजिक व आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह बजट वन ट्रिलियन डॉलर की मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि प्रदेश के बजट में युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों के कल्याण की व्यवस्था की गई है। बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि 7.36 लाख करोड़ रूपये के उत्तर प्रदेश बजट में युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानो के कल्याण की व्यवस्था की गई है।

रामराज्य की ओर बढ़ चला प्रदेशः भूपेंद्र चौधरी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सोमवार को बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे प्रदेशवासियों के लिए कल्याणकारी बजट बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रदेश राम राज्य की ओर बढ़ चला है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के संकल्प को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाये गये रोड मैप की झलक है। बजट में गाँव, गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं का ख़ास ध्यान रखा है। रोज़गार सृजन के साथ ही किसानों की आय में वृद्धि, महिलाओं की सुरक्षा और उनको सशक्त बनाने की भी बात बजट में है। गरीब की गई है। कल्याण को समर्पित इस बजट ने समाज के सभी वर्गों की चिंता की है। प्रदेश सरकार ने कुल बजट में 25 फीसदी हिस्सा इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर लगाने की बात कही है। इससे न केवल राज्य में निवेश आएगा बल्कि लोगों को रोज़गार के लिए नये अवसर मिलेंगे। राजकोषीय घाटा कम कर सरकार 24 हजार करोड़ से ज्यादा की नई जनकल्याणकारी योजनाएँ भी प्रदेश सरकार शुरू करेगी। यह प्रशंसनीय है।

बजट रामराज की परिकल्पना साकार करने वालाः राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा बजट सर्व समावेशी व विकास की राह दिखाने के साथ-साथ रामराज की परिकल्पना साकार करने वाला है। इससे विकास को गति मिलेगी, साथ ही प्रदेश की आधारभूत संरचनाओं, बेहतर कनेक्टिविटी व युवाओं के लिए कौशल विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

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